सत्य की खोज में

Friday, April 17, 2015

विद्युत विभाग में आमूल चूल परिवर्तन करना चाहते हैं नये प्रबन्ध निदेशक ए.के. सिंह


 इलाहाबाद। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, वाराणसी के नवनियुक्त प्रबन्ध निदेशक इंजीनियर ए.के. सिंह  विद्युत विभाग में आमूल.चूल परिवर्तन करना चाहते हैं। मुख्य अभियन्ता से प्रबन्ध निदेशक के पद पर चयन होने के उपलक्ष्य में आयोजित अभिनन्दन समारोह में श्री सिंह के द्वारा व्यक्त किये गये ओजस्वी विचारों को सुनकर तो यही धारणा बन रही है। श्री सिंह एक तरफ विद्युत उपभोक्ताओं की परेशानियों को दूर करना चाहते हैं और दूसरी तरफ विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाकर विभाग की छवि को सुधारना चाहते हैं।    

 गौरतलब है कि श्री सिंह इलाहाबाद क्षेत्र के मुख्य अभियन्ता (वितरण ) रहे हैं। गत माह उत्तर प्रदेश शासन ने उनकी नियुक्ति पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, वाराणसी के प्रबन्ध निदेशक के पद पर की है। उन्होंने 27 मार्च को पदभार ग्रहण किया। इसके बाद उनके अभिनन्दन क्रम में राज्य विद्युत परिषद जूनियर इन्जीनियर्स संगठन, उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद क्षेत्र द्वारा उनके सम्मान में 4 अप्रैल को इलाहाबाद में अभिनन्दन समारोह आयोजित किया गया। समारोह में श्री सिंह के स्थान पर आये मुख्य अभियन्ता इ0 एस0 पी0 पाण्डे विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस अवसर पर अधीक्षण अभियन्ता  आर के शर्मा , पी. एन.  उपाध्याय, प्रदीप कक्कड़, अश्वनी कुमार, रतनेश कुमार,  डी. के.  दोहरे, ए. आर.  वर्मा के अलावा तमाम अधिशासी अभियन्ता, सहायक, अभियन्ता, अवर अभियन्ता आदि मौजूद रहें। समारोह की अध्यक्षता संगठन के क्षेत्रीय अध्यक्ष इ .ड़ी. के. द्विवेदी  ने की। समारोह में मुख्य अतिथि प्रबन्ध निदेशक  ए.के. सिंह  के साथ विशिष्ट अतिथि मुख्य अभियन्ता एस. पी. पाण्डे संगठन के केन्द्रीय महासचिव जय प्रकाश विशेष आमंत्रित सदस्य केन्द्रीय कार्यकारिणी ज्ञानेन्द्र कुमार, आई. एम. द्विवेदी, बी. डी. यादव, क्षेत्रीय सचिव  एस. के. सिंह, बिजली कर्मचारी संघ के नेता जवाहरलाल विश्वकर्मा विद्युत कर्मचारी मोर्चा संघटन के नेता वी. के. ओझा, अवधेश कुमार व फूलचन्द्र मंच पर उपस्थित रहे। सभा की समस्त कार्यवाही का संचालन संगठन के वरिष्ठ नेता ज्ञानेन्द्र कुमार ने किया।

इस अवसर पर सर्वप्रथम संगठन की इलाहाबाद, फतेहपुर, कौशाम्बी तथा प्रतापगढ़ शाखा के अध्यक्ष एवं सचिव ने मुख्य अतिथि. ए.के. सिंह का माल्यार्पण किया। इसके बाद मुख्य अतिथि को संगठन की ओर से शाल पहनाकर, बुके देकर एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनन्दन किया गया। संगठन की ओर से विशिष्ट अतिथि मुख्य अभियन्ता एस. पी. पाण्डे को भी स्मृति चिन्ह एवं बुके भेंट कर उनको भी सम्मानित किया गया। मंचासीन अतिथियों का मल्यार्पण कर सम्मानित किया गया। इसके बाद प्रबन्ध निदेशक श्री सिंह ने हाल ही में संगठन के नवनिर्वाचित केन्द्रीय महासचिव जय प्रकाश को बुके देकर सम्मानित किया।





    क्षेत्रीय सचिव एस. के. सिंह ने समारोह में मुख्य अतिथि को अभिनन्दनपत्र भेंट करते हुए ए. के. सिंह के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि ए. के. सिंह जनपद फैजाबाद के रहने वाले हैं। प्रारम्भिक शिक्षा उन्होंने जनपद फैजाबाद में प्राप्त की। कालान्तर में वह गोरखपुर चले गये। गोरखपुर विश्वविद्यालय से बी0 एस0 सी0 की डिग्री प्राप्त की तथा बंगलोर के एम.एस. आर. ई. सी. इंजीनियरिंग कालेज से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद की सेवा में वह जुलाई 1980 में ओबरा ताप विद्युत गृह में नियुक्त हुए। यह एशिया की सबसे बड़ी तापीय परियोजना थी। सफलता की सीढ़ी कदम दर कदम चढ़ते हुए वह 2005 में अधिशासी अभियन्ता के पद पर प्रोन्नत हो गये। 1 जुलाई 2012 को अधीक्षण अभियन्ता के पद पर प्रोन्नत हो गये। 1 अगस्त 2013 को वह मुख्य अभियन्ता बनाये गये।
 

इलाहाबाद में विश्व प्रसिद्ध कुम्भ मेला 2013 में आयोजित हुआ जिसमें उनके कार्यशैली, कार्य कुशलता, तकनीकी क्षमता, प्रशासनिक क्षमता और जनसेवा भाव की बहुत प्रशंसा हुई। इस कार्य हेतु उन्हें इलाहाबाद जिला प्रशासन तथा उत्तर प्रदेश शासन द्वारा भी सम्मानित किया गया। 

उल्लेखनीय हे कि श्री ए. के. सिंह को अपने कार्यकाल में अब तक 8 से ज्यादा प्रशंसा पत्र प्राप्त हो चुके हैं। अपनी असाधारण योग्यता के कारण ही उनका चयन प्रबन्ध निदेशक पद पर हुआ और वह इस पर पदारूढ़ हो चुके हैं।

    सभा की कार्यवाही का संचालन करते हुए ज्ञानेन्द्र कुमार ने उन्हें जनसेवक, कुशल प्रशासक, तकनीकी विशेषज्ञ, प्रतिभावान एवं दूरदृष्टि का अभियन्ता अधिकारी बताया। सभा में अधीक्षण अभियन्ता ए. आर. वर्मा विभिन्न कामगार एवं अभियन्ता संघ सहित जू0 इं0 संगठन के पदाधिकारियों जवाहर लाल विश्वकर्मा, विनय कुमार ओझा, आई0 एम0 द्विवेदी, डी0 के0 दोहरे,  रंजीत कुमार, आशीष कुमार सिंह, अवधेश कुमार तथा राजेश यादव ने भी सम्बोधित किया। वक्ताओं ने ए. के. सिंह के व्यक्तित्व के बारे में प्रमुख रूप से कहा - श्री सिंह साहब सच्चे लीडर हैं। अपने अधीनस्थों का सदैव मनोबल बढ़ाते हुए जनहित में कार्य करने की प्रेरणा देते हैं। पारदर्शी व खुले दिल के हैं। कोई भी निर्णय लेने से पूर्व अधीनस्थों की राय लेते हैं।

    मुख्य अभियन्ता एस. पी. पाण्डे ने अपने सम्बोधन में प्रबन्ध निदेशक ए.के. सिंह की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनकी असाधारण लोकप्रियता के वे कायल हैं तथा अपने कार्यकाल में श्री सिंह के द्वारा स्थापित मापदंड को स्थापित करेंगे। इस कार्य में उन्हें सभी कामगारों के सहयोग की अपेक्षा है। केन्द्रीय महासचिव जय प्रकाश ने श्री ए. के. सिंह से जु0 इं0 संवर्ग के हित संरक्षण और प्रत्येक स्तर पर उनकी वकालत करने का अनुरोध किया। साथ ही उन्होंने आश्वस्त किया कि संगठन का प्रत्येक सिपाही उनके निर्देशों का पालन कर विद्युत व्यवस्था सुधार के लिए कार्य करेगा।



मुख्य अतिथि प्रबन्ध निदेशक ए.के. सिंह ने अपने सम्बोधन में आज के समारोह को अद्वितीय बताते हुए कहा कि आपने जो सम्मान दिया है वह मेरे ऊपर ऋण है। मैं उसकी पूरी भरपाई करूंगा। हमारे दरवाजे आप सभी के लिए हमेशा खुले हैं। और यहाँ छोटे.बड़े का कोई भेदभाव नहीं होगा। श्री सिंह ने कहा कि अब मुझ पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी आ गयी है। इस नाते आपसे कुछ विशेष अपेक्षा करता हूँ कि आप अपने कर्तव्य का पूरी ईमानदारी से पालन करेंगे। मैं मेहनतकश को ईनाम दूँगा परन्तु कामचोर को दंडित करने में विलम्ब नहीं करूँगा।

श्री सिंह ने विशेष रूप से उल्लेख करते हुए कहा "सामाजिक व्यवस्था में यह आम धारणा है कि अभियन्ता ईमानदार नहीं है परन्तु यह अर्धसत्य है। विभाग के कर्मचारी या अधिकारी जब विद्युत विच्छेदन या नियमानुसार कार्य के लिए उपभोक्ता को निर्देशित करते हैं तब हमें बिना किसी पूर्वाग्रह के भेदभाव रहित कार्यवाही समाज के हर वर्ग के खिलाफ समरूपता में करनी होगी चाहे वह प्रशासनिक अधिकारी ही क्यों न हो। तभी हमारी नकारात्मक क्षवि बदल सकेगी।

मैंने यह तय किया है कि प्रबन्ध निदेशक बनने के बाद सिर्फ इं0 अजय कुमार के नाम से ही जाना जाऊं बजाय इं0 अजय कुमार सिंह के। मैंने अपने आफिस के बाहर इं0 अजय कुमार के नाम की ही नेम प्लेट लगवायी है।
इससे पूर्व मैंने उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड में निदेशक के पद पर चयन हेतु प्रार्थनापत्र दिया था परन्तु मेरा चयन नहीं हुआ। इससे मैं एक क्षण के लिए हताश तो हुआ परन्तु निराश नहीं। मैने साहस नहीं छोड़ा। कठोर परिश्रम से कर्तव्य पालन करता रहा। परिणाम स्वरूप आज मैं प्रबन्ध निदेशक के रूप में आपके सामने हूँ।
 

यद्यपि मेरे ऊपर बड़ी जिम्मेदारी है परन्तु इसे मैं चैलेन्ज के रूप में लेता हूँ तथा आपके ऊपर इसकी बड़ी भागेदारी देता हूँ। मुझे पूरा विश्वास है कि आपके सहयोग से इस कम्पनी को आगे बढ़ाने में सफल हो सकूँगा"।
प्रस्तुति .
अनन्त अन्वेषी

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