सत्य की खोज में

Thursday, April 15, 2010

"स्टार एंकर हंट" पर विशेष रपट

"स्टार न्यूज़"  को "स्टार एंकर हंट"   से मन चाहा एंकर मिले या ना मिले, प्रतिभागियों को मिल रहा है "बहुत  कुछ"
इलाहाबाद |  टेलीविजन की दुनिया में ऐसा पहली बार हो रहा कि एंकर पद पर भर्ती के लिए एक राष्ट्रीय  टी.वी चैनल दस प्रमुख शहरों में आडिसन करा रहा है |  यह योजना उस टी. वी. चैनल के लिए कितनी  कारगर होगी, यह तो समय ही बताएगा मगर इस प्रतियोगिता में शामिल होने वाले कुछ प्रतिभागियो को इससे "बहुत कुछ" मिल रहा है | जी हाँ, यह बात कही जा रही है  रास्ट्रीय टी.वी. चैनल "स्टार न्यूज़" द्वारा आयोजित "स्टार एंकर हंट" के बारे में |
              "स्टार न्यूज़" ने देश के दस प्रमुख शहरों - इंदौर, नागपुर, इलाहाबाद, लखनऊ, मुंबई, पटना, दिल्ली, चंडीगढ़, अहमदाबाद व जयपुर में एंकर पद पर कुछ नयी शैली से काम करने के लिए तेज तर्रार युवक-युवतियों की भर्ती के लिए "स्टार एंकर हंट" नाम से आडिसन का कार्यक्रम बनाया है| इसके लिए ऑन लाइन रजिस्ट्रेशन  कराया जा रहा है| इसकी शुरुआत 27 मार्च 2010 से हो चुकी है| अभी तक चार शहरों - इंदौर, नागपुर, इलाहाबाद व लखनऊ में हो चुकी है, बाकी  शहरों में  28 अप्रैल 2010 तक पूरा हो जायेगा |इलाहाबाद मेंआडिसन की प्रक्रिया शम्भुनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलोजी  (एस.आई.ई.टी)  में संपन्न हुई जिसे देखने का मौका मिला|
             
            3 अप्रैल को शुरू हुई चार दिवसीय प्रक्रिया को तीन  चरणों में पूरा किया गया | पहले चरण में लगभग 150 प्रतिभागियो की सामान्य जानकारी, उनकी रुचियाँ व योग्यताओं का मौखिक परीक्षण,  ग्रुप डिस्कशन  आदि द्वारा किया गया | दूसरे  चरण में लिखित परीक्षा ली गयी | चौथे दिन तीसरे व अंतिम चरण में शामिल होने के लिए केवल 15 प्रतिभागी सफल घोषित हुए | इन  15 सफल प्रतीभागियो में से सर्वश्रेष्ठ  तीन  प्रतीभागियो को चुनने का कार्य 6  अप्रैल को तीन  सदस्यीय जूरी ने किया | इस  जूरी (निर्णायक मण्डल) में स्टार न्यूज़  के राजनैतिक सम्पादक  दीपक चौरसिया, मशहूर लेखक चेतन भगत व फिल्म अभिनेत्री त्तिस्का चोपड़ा ने भाग लिया |

              आडीसन  का यह कार्य 6 अप्रैल को दोपहर लगभग 11 बजे शुरू हुआ जो शाम सात बजे तक चला | प्रत्येक प्रतिभागी को 15 से 20 मिनट का समय दिया गया | शुरू में प्रत्येक प्रतिभागी की व्यक्तिगत जानकारी ली जाती जिसमे उसके लालन-पालन का स्थान, रुचियाँ, शिक्षा, अनुभव, एंकर बनने का कारण आदि शामिल था | प्रतिभागी द्वारा दी गयी जानकारियों का जूरी के सदस्य अपने-अपने अन्दाज से सवाल पूछकर परीक्षण करते | इसके बाद प्रत्येक प्रतिभागी को अलग-अलग एक वीडियो क्लीपिंग दिखाई जाती | जैसे- बाबरी मस्जिद का विध्वंस, अमर-मुलायम विवाद, मायावती को नोटों की माला आदि | इस क्लीपिंग को दो बार दिखाया जाता | पहली बार आवाज के साथ, दूसरी बार बिना आवाज के | बिना आवाज वाली क्लीपिंग को देखकर, प्रतिभागी को ऐसे एंकरिंग करके दिखानी होती जैसे मानो वह स्टार न्यूज़ के लिए काम कर रहा है | इसके बाद उस प्रतिभागी को कोई ऐसी काल्पनिक घटना अथवा भूतकाल में घटित हो चुकी किसी घटना पर एंकरिंग करने के लिए कहा जाता | जैसे - अभिषेक-ऐश्वर्य की शादी इत्यादी |
                    प्रतिभागी के प्रत्येक प्रदर्शन पर जूरी के सदस्य अपनी टिप्पणी  लिखते रहते और अन्त में प्रतिभागी के प्रदर्शन पर अपनी राय व्यक्त करते |
                      अंतिम राउन्ड में पंहुचने वाले 15 प्रतिभागियों में युवक-युवतियों की भागीदारी लगभग बराबर थी | इनमे कुछ ग्रेजुएशन/पोस्ट ग्रेजुएशन  की पढाई कर रहे थे तो कुछ अनुभवी भी थे | अनुभवियों में कुछ के पास छेत्रीय स्तर के टी.वी. चैनल पर काम करने का अनुभव था तो कुछ का अन्य विभिन्न छेत्रों का अनुभव था|  कई ऐसे भी थे जिनके पास मीडिया  का अनुभव नहीं था मगर उन्होंने मास  कम्युनिकेशन का कोर्स कर रखा था जिसके कारण एंकरिंग के बारे में थोडा बहुत ज्ञान था | 
                     इन 15 प्रतिभागियों में से एक का भी प्रदर्शन ऐसा नहीं रहा जिसे देखकर कहा जा सके - वाह, आप जैसों की ही तलाश है स्टार न्यूज़ को | जिस प्रतिभागी से सबसे ज्यादा सन्तोष हुआ उससे भी कहा गया - आपका वैसे तो सब ठीक है लेकिन एंकरिंग का अन्दाज घिसा-पिटा है, इसमें कुछ नयापन नहीं है | स्टार न्यूज़ चाहता है कि ऐंकर ऐसा नियुक्त किया जाये जो नए-नए विचारों से भरा हो, नये अन्दाज में व रोचक शैली में एंकरिंग करें | 
                    तीनों निर्णायकों ने प्रत्येक प्रतिभागी के प्रदर्शन को पैनी नजर से देखा और अन्त में बेबाक टिप्पणी की | तीनो निर्णायक प्रतिभागी के बारे में अपनी टिप्पणी करते समय जहाँ यह बता रहे थे कि एक अच्छे ऐंकर की  दृष्टि से आपमें यह खूबी है या यह कमी है वहीँ  वे कुछ प्रतिभागियों से यह भी कह रहे थे कि आपमें एक अच्छे एंकर  बनने की  बजाए एक  अच्छा पोलिटिशियन  या लेखक या ------ बनने की संभावनाएं ज्यादा है | 
                   निर्णायकों की कुछ   टिप्पणियां एस प्रकार थीं  -
1) आपकी जानकारी तो अच्छी है लेकिन प्रस्तुत करने में कई प्रकार की कमियां हैं, 2) आपकी जानकारी अच्छी है कहने का ढंग भी ठीक है लेकिन आपकी बाड़ी लेंगुएज ठीक नहीं है, 3) आपकी जानकारी अच्छी है, कहने का ढंग ठीक है  बाड़ी लेंगुएज भी  ठीक है मगर प्रस्तुत करने में उत्साह उतना नहीं है जितना होना चाहिए, 4 ) आपमें बहुत कुछ ठीक है मगर अभी आप राष्ट्रीय टी.वी. चैनल में काम करने लायक नहीं है, 5 )आपमें सब कुछ ठीक है लेकिन अन्दाज घिसा-पिटा है, कुछ नयापन नहीं है, इत्यादि | 
                    इस आडीसन  के दौरान कई प्रतिभागी लगातार इस प्रकार के आये जिन्हें राष्ट्रीय समस्याओं के बारे में कोई जानकारी नहीं थी, लेखक चेतन भगत को इस पर हैरानी हुई और उन्होंने एक -दो प्रतिभागियों से जानना चाहा कि पढ़े-लिखे युवक-युवतियों में ऐसा क्यों है कि उनकी राष्ट्रीय मुद्दों में दिलचस्पी न के बराबर है | प्रतिभागियों ने कहा कि इसके लिए जहाँ युवा पीढ़ी दोषी है वहीँ वे महाविद्यालय व विश्वविद्यालय दोषी है जहाँ केवल पाठ्यक्रम पर ही जोर दिया जाता है |
                कुछ प्रतिभागियों का नम्बर शाम को 5-6 बजे आया तो उनमें  उत्साह नहीं दिखाई दिया  | तिस्का चोपड़ा ने जब कम उत्साह दिखने वालों से पूछा कि आपमें उत्साह की कमी किसलिए है तो प्रतिभागी ने कहा कि यहाँ सुबह से आये हुए हैं तो इस पर सुश्री चोपड़ा ने कहा कि कई बार पत्रकारों को लम्बे समय तक लगातार पूरे  उत्साह से काम करना पड़ता है | जब ऐंकर बनोगे तो कैसे काम करोगे | एक प्रतिभागी से बातचीत करते हुए सुश्री चोपड़ा ने श्री दीपक से आग्रह किया कि आप इन्हें बतायें कि ऐंकर में कौन-कौन से गुण होने चाहिए | इस पर श्री दीपक बोले - एक एंकर  को इस तरह बोलना चाहिए कि दर्शकों को एंकर  की  बातों में भरोसा पैदा हो | इसके लिए जरुरी है कि ऐंकर कि जानकारी इतनी अधिक होनी चाहिए कि वह अपनी बात कन्विंसिंग ढंग से कह सके, अपनी बात मनवा सके | जितनी अधिक जानकारी होगी उतने ही अच्छे ढंग से अपनी बात प्रस्तुत कर सकेगा |
                उन्होंने इस बात पर हैरानी जतायी  कि "स्टार एंकर हंट" में आने वाले प्रतिभागियों ने इस अवसर  को गंभीरता से नहीं लिया | इसकी तैयारी ढंग से नहीं की  | उन्होंने कहा कि यह युवक-युवतियों  के लिए सुनहरा मौका था |   उन्होंने कहा कि उन्हें तो ऐंकर बनने के लिए दस साल तक कड़ी मेहनत करनी पड़ी | इसके लिए दुनिया भर से तरह- तरह की कठिन परिस्थितियों में रिपोर्टिंग की और अपने वरिष्ठों की झाड़ तक सुननी पड़ी  | जब कि आज  स्टार न्यूज़ सीधे ऐंकर बनने का अवसर  दे रहा है | इस पर कुछ प्रतिभागियों  का कहना था कि इसकी तैयारी के लिए उन्हें समय बहुत कम मिला | इसपर श्री दीपक ने कहा कि देश - दुनिया की जानकारी रखने के लिए समाचार पत्र-पत्रिका, पुस्तक आदि को नियमित पढ़ने की आदत छोटी उम्र से ही डालनी चाहिए |
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                       हलके-फुल्के क्षण    
 इन प्रतिभागियों में एक युवती ऐसी   थी जो जजों के सवालों के जबाब बड़ी मस्ती के साथ दे रही थी | निर्णायकों ने उसके मस्ती भरे अन्दाज में दे रही जबाबों को सुनकर कहा कि अच्छा एक ऐसे उत्सव की  लाइव एंकरिंग करो जहाँ लोग पूरी मस्ती में है | इसकी एंकरिंग भी उसने  बड़े कमजोर ढंग से की | निर्णायक चेतन भगत को प्रभावित करने के लिए उस युवती ने कहा कि उसके पास उनका वह उपन्यास है जिस पर थ्री इडियट  फिल्म बनी है | चेतन भगत ने युवती से पूछा कि क्या उसने वह उपन्यास पढ़ा है | उसने मस्ती भरे अन्दाज में कहा कि उसने वह उपन्यास अभी नहीं पढ़ा है|  इस जबाब को सुनकर पास में बैठी सुश्री चोपड़ा ने चेतन भगत से चुटकी ली कि आपको ऐसे लोगों ने ही बेस्ट सेलर बनाया है | श्री भगत ने भी इसे हलके फुल्के में लेते हुए उस युवती से पूछा कि उस उपन्यास को क्या पेपर वेट की  तरह इस्तेमाल करती हैं या दरवाजे को रोकने में प्रयोग करती हैं | इसे सुनकर वह युवती हंसी और कुछ ऐसा बोली जिसे सुनकर दीपक चौरसिया को भी हंसी आ गयी और उनके मुख से निकला - आपकी सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि आपने मुझ जैसे गंभीर व्यक्ति को भी हंसा दिया | निर्णायकों का धैर्य उस समय बड़े काबिले तारीफ लगा  जब उन्होंने उस बेहद कमजोर प्रतिभागी को भी उसकी खूबियों व कमजोरियों से अवगत कराया और सुझाव दिया कि उसे किस क्षेत्र में अपना कैरियर बनाने कि कोशिश करनी चाहिए |
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      इस प्रकार अंतिम चक्र की चयन प्रक्रिया को देखने के बाद कहा जा सकता है कि "स्टार एंकर हंट" से "स्टार न्यूज़" को मन चाहा एंकर मिले ना मिले प्रतिभागियों को ऐसा बहुत कुछ मिल रहा है जिस पर ध्यान देकर वे अपने भविष्य  में मिलने वाले अवसरों में सफलता प्राप्त कर सकते हैं |
             चयन प्रक्रिया समाप्त होने पर दीपक चौरसिया से जब पूछा गया कि उनका यहाँ का अनुभव कैसा रहा? इस पर उन्होंने जबाब दिया - इलाहाबाद में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, उन्हें तराशने की जरुरत है | इसके लिए उन्हें (युवक-युवतियों) भी कड़ी मेहनत करनी होगी |
              स्टार एंकर हंट में भाग लेने वाले प्रत्येक प्रतिभागी से समय-समय पर स्टार न्यूज़ की एंकर रीना भरद्वाज उनकी प्रतिक्रियायें ले रही थीं | प्रथम चरण में पहले दिन ग्रुप डिस्कसन में भाग लेकर बाहर आये प्रतिभागियों से जब उनकी प्रतिक्रियायें ली गयीं तो एक प्रतिभागी का आरोप था कि कमरे के अन्दर हो रहे ग्रुप डिस्कसन में एक प्रतिभागी का व्यहार ऐसा था जैसे केवल उसे ही बोलने का हक़ है और वही योग्य है | उसने  किसी को बोलने नहीं दिया | इस पर सुश्री रीना ने कहा - जब आप एंकरिंग करेंगे तो ऐसी स्थितियों का सामना तो वहां  भी करना पड़ सकता है, तब वहां कैसे काम करेंगे ?
                 गौरतलब है कि इलाहाबाद से पूर्व दो शहरों में हुए स्टार ऐंकर हंट के बारे में जब वहां उपस्थित रहे स्टार न्यूज़ स्टाफ के कुछ लोगों से बात की तो उनका मानना था कि इलाहाबाद में भाग लेने वाले प्रतिभागी काफी अच्छे थे |
                  भरोसेमन्द सूत्रों के मुताबिक प्रत्येक शहर से चुने गये तीन चार प्रतिभागियों को मुंबई/दिल्ली में एक और प्रतियोगिता का सामना करना होगा जहाँ प्रत्येक शहर से केवल एक प्रतिभागी का चुनाव होना है | अन्त में चुने दस प्रतिभागियों को एंकर का प्रशिक्षण दिया जायेगा और उसके बाद ही उन्हें ऐंकर के रूप में टेलीविजन पर उतारा जायेगा |
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            निर्णायक मण्डल का परिचय
स्टार न्यूज़ के राजनीतिक सम्पादक दीपक चौरसिया को टी.वी. दर्शक टेलीविजन पर इससे पूर्व "आज तक"  व "डी. डी. न्यूज़" पर राजनीतिक घटनाओं का बेबाक विश्लेषण करते हुए देख चुके हैं | चौरसिया ने गल्फ वार , कारगिल वार व मुंबई में ताज हमले जैसी चर्चित घटनाओं  की लाइव रिपोर्टिंग के माध्यम से दर्शकों के बीच अपनी विशेष पहचान बनाई  है | स्टार न्यूज़ पर साप्ताहिक  कार्यक्रम - "जो कहूँगा सच कहूँगा" ने बहुत थोड़े समय में विशेष स्थान बना लिया है |

फिल्म अभिनेत्री तिस्का चोपड़ा मशहूर लेखक व स्तम्भकार खुशवन्त सिंह की भतीजी है |  इन्होने दिल्ली विश्वविद्यालय के हिन्दू कालेज  से अंग्रेजी साहित्य में एम. ए. प्रथम स्थान प्राप्त कर उत्तीर्ण किया है | तिस्का ने फिल्मो के अलावा थियेटर व टेलीविजन पर भी अपनी विशेष पहचान बनायीं है | फिल्म "तारे जमीं पर" में किये गये अभिनय ने इन्हें अधिक विख्यात किया है | तिस्का बहुमुखी प्रतिभा की धनी  हैं  | उन्होंने छोटी सी उम्र में विभिन्न क्षेत्रों में महिला व शिक्षा उत्थान के लिए सक्रिय होकर उल्लेखनीय कार्य किये हैं | तिस्का राष्ट्रीय ज्ञान आयोग (एन. के. सी.) में भी सक्रिय हैं | जो भारत की शिक्षा सुधार योजना  के अन्तर्गत प्रधानमंत्री की उच्च स्तरीय सलाह देने के लिए बनी संस्था है |

चेतन भगत ने चार चर्चित उपन्यास लिखे हैं | चारों -   "फाइव पॉइंट्स समवन (2004) , वन नाईट एट दि रेट ऑफ़ दि काल सेंटर ( 2005 ), दि थ्री मिस्टेक्स ऑफ़ लाइफ ( 2008 )  तथा टू स्टेट्स- दि स्टोरी ऑफ़ माई मैरिज ( 2009 ) पुस्तकें बेस्ट सेलर हैं | चेतन युवा पीढ़ी और राष्ट्रीय विकास आधारित मुद्दों पर अंग्रेजी व हिन्दी के अख़बारों में नियमित लिख रहे हैं | चेतन ने आई. आई. टी. (दिल्ली) तथा आई. आई. ऍम. (अहमदाबाद) से तकनीकी एवं प्रबंधकीय उच्च शिक्षा प्राप्त की है | इंटरनॅशनल  इन्वेस्टमेंट बैंकिंग के कैरियर से बर्ष 2009  में त्यागपत्र देकर पूरी तरह लेखन में सक्रिय हैं |
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